टाटा समूह की प्रसिद्ध खुदरा कंपनी Trent Limited की सितंबर तिमाही (Q2FY26) की रिपोर्ट ने बाजार की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरी। कंपनी की ग्रोथ उम्मीद से कम रही, जिसके कारण कई बड़े ब्रोकरेज हाउसों ने इस स्टॉक पर अपने टारगेट प्राइस घटा दिए हैं। तिमाही प्रदर्शन से यह साफ झलकता है कि ट्रेंट के लिए अपने दीर्घकालिक 25% ग्रोथ लक्ष्य को बनाए रखना अब चुनौतीपूर्ण हो गया है।
बाजार में खबर फैलते ही मंगलवार सुबह Trent के शेयरों में करीब 3% की गिरावट देखने को मिली। सुबह 9:25 बजे तक एनएसई (NSE) पर कंपनी के शेयर की कीमत ₹4,636.8 पर पहुंच गई, जो पिछले कारोबारी दिन की तुलना में करीब ₹144 कम थी। यह गिरावट निवेशकों की चिंता और कंपनी की घटती रफ्तार का संकेत देती है।
ट्रेंट की तिमाही आय में सुस्ती, ग्रोथ में कमी आई
कंपनी ने अपने बिजनेस अपडेट में बताया कि सितंबर तिमाही में उसका स्टैंडअलोन रेवेन्यू 17% बढ़कर ₹5,002 करोड़ तक पहुंचा है। हालांकि यह वृद्धि दिखने में अच्छी लगती है, लेकिन यह कंपनी की पिछली तिमाही (Q1FY26) की 20% ग्रोथ से कमजोर है और साथ ही उसके 25% लॉन्ग-टर्म टारगेट से भी कम है।
पहली छमाही (H1FY26) में कंपनी की कुल आमदनी ₹10,063 करोड़ रही, जो 19% की सालाना वृद्धि को दर्शाती है। यह मार्च 2021 के बाद से कंपनी की सबसे धीमी तिमाही ग्रोथ मानी जा रही है। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रेंट को अब अपनी प्रमुख रिटेल ब्रांड्स — Westside और Zudio — की बिक्री बढ़ाने पर और ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि फैशन और वैल्यू रिटेल मार्केट में प्रतिस्पर्धा काफी बढ़ गई है।
Morgan Stanley ने बरकरार रखी रेटिंग, घटाया टारगेट प्राइस
वैश्विक ब्रोकरेज फर्म Morgan Stanley ने ट्रेंट पर अपनी Overweight रेटिंग बनाए रखी है, लेकिन टारगेट प्राइस घटाकर ₹5,892 प्रति शेयर कर दिया है। फर्म के अनुसार, Q2 की ग्रोथ दर अनुमानित 25% की तुलना में काफी कमजोर रही। जहां पहले के तिमाहियों में तेज ग्रोथ दिखी थी, वहीं इस बार कंपनी की रफ्तार धीमी रही है।
हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कंपनी का EBITDA मार्जिन FY26 में 17.3% तक पहुंच सकता है, जो FY25 के 15.65% से बेहतर है। यह इस बात का संकेत है कि कंपनी लागत नियंत्रण और बेहतर ऑपरेशन मैनेजमेंट के जरिये अपनी लाभप्रदता को सुधारने में सफल हो सकती है।
स्टोर विस्तार से उम्मीदें बरकरार, Westside और Zudio आगे बढ़े
ग्रोथ में कमी के बावजूद, ट्रेंट ने अपने स्टोर विस्तार पर मजबूत पकड़ बनाई हुई है। कंपनी के लोकप्रिय ब्रांड Westside ने सितंबर तिमाही में 6 नए स्टोर खोले हैं, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे ज्यादा हैं। वहीं, Zudio ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए 40 नए स्टोर शुरू किए हैं, जो उम्मीद से कहीं अधिक हैं।
यह आंकड़े दर्शाते हैं कि ट्रेंट अब भी भारत के वैल्यू रिटेल मार्केट में अपनी उपस्थिति मजबूत बना रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि Zudio का तेजी से बढ़ता नेटवर्क कंपनी के लिए भविष्य में प्रमुख ग्रोथ इंजन साबित हो सकता है। इसके अलावा, ट्रेंट की रिटेल रणनीति भारत के टियर-2 और टियर-3 शहरों पर केंद्रित है, जिससे कंपनी को व्यापक ग्राहक आधार मिल रहा है।
Equirus ने दी चेतावनी, ग्रोथ में थकावट के संकेत
घरेलू ब्रोकरेज फर्म Equirus Securities ने ट्रेंट की रेटिंग “Add” से घटाकर “Reduce” कर दी है और टारगेट प्राइस को ₹5,759 से घटाकर ₹4,474 कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रेंट की लगातार पाँचवीं तिमाही में ग्रोथ की रफ्तार घटी है।
कंपनी की 17% रेवेन्यू ग्रोथ पिछले 18 तिमाहियों में सबसे कम रही है। इक्विरस ने यह भी कहा कि पहले FY25–FY27 के बीच 26% CAGR की जो उम्मीद की जा रही थी, अब उसे पूरा करना कठिन होगा।
ब्रोकरेज का मानना है कि यदि कंपनी अपने विस्तार और इनोवेशन पर ज्यादा ध्यान नहीं देती, तो आने वाले समय में वैल्यूएशन मल्टीपल्स में गिरावट और अर्निंग्स में कटौती देखने को मिल सकती है। यह गिरावट स्टॉक के आकर्षण को अल्पावधि में कम कर सकती है।
Motilal Oswal को ट्रेंट पर भरोसा, Buy रेटिंग बरकरार
दूसरी ओर, ब्रोकरेज फर्म Motilal Oswal Financial Services ने ट्रेंट पर अपनी ‘Buy’ रेटिंग बरकरार रखी है। फर्म का मानना है कि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही (2H) में स्टोर विस्तार की गति और बढ़ सकती है।
मोतिलाल ओसवाल के विश्लेषकों के अनुसार, कंपनी की सबसे बड़ी ताकत उसका तेजी से बढ़ता फैशन रिटेल नेटवर्क है। Westside और Zudio दोनों ब्रांड आने वाले महीनों में नए स्टोर खोलने की योजना पर काम कर रहे हैं, जिससे राजस्व में सुधार की संभावना है। हालांकि, फर्म ने यह भी स्वीकार किया कि कंपनी की समान स्टोर बिक्री वृद्धि (SSSG) अभी कमजोर है, जिसे सुधारने की जरूरत है ताकि ग्राहक आधार और मुनाफा दोनों में स्थायित्व आ सके।
Trent के सामने चुनौतियाँ और भविष्य की दिशा
विश्लेषकों के मुताबिक, ट्रेंट लिमिटेड के सामने इस समय दो बड़ी चुनौतियाँ हैं — पहली, ग्रोथ की रफ्तार को बनाए रखना, और दूसरी, प्रतिस्पर्धियों से आगे रहना। भारत का फैशन और वैल्यू रिटेल सेक्टर तेजी से बदल रहा है, जहाँ रिलायंस ट्रेंड्स, मैक्स फैशन, H&M, और Uniqlo जैसे बड़े ब्रांड्स अपनी मौजूदगी मजबूत कर रहे हैं।
हालांकि, ट्रेंट की सबसे बड़ी ताकत उसकी ब्रांड वैल्यू और ग्राहक वफादारी है। कंपनी की रणनीति — सस्ती कीमतों पर फैशनेबल प्रोडक्ट देना और लगातार नए शहरों में पहुंच बनाना — भविष्य में इसे मजबूत स्थिति में रख सकती है। यदि कंपनी अपने फैशन रिटेल मॉडल को और इनोवेटिव बनाती है, तो आने वाले वर्षों में यह अपनी 25% लॉन्ग-टर्म ग्रोथ की दिशा में फिर से तेजी पकड़ सकती है।
निवेशकों के लिए सलाह और निष्कर्ष
फिलहाल, बाजार में गिरावट के बावजूद, कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि Trent Limited एक लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट के तौर पर अब भी मजबूत विकल्प है। कंपनी का ब्रांड पोर्टफोलियो, रिटेल नेटवर्क और लगातार विस्तार इसकी बड़ी ताकत है। जैसे-जैसे नए स्टोर खुलेंगे और उपभोक्ता मांग बढ़ेगी, राजस्व में स्थिरता आने की संभावना है।
हालांकि, अल्पकालिक निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि अगले कुछ तिमाहियों में प्रतिस्पर्धा और लागत दबाव का असर शेयर पर रह सकता है। लेकिन दीर्घकालिक दृष्टि से, Trent Limited अब भी भारतीय रिटेल सेक्टर की प्रमुख कंपनियों में से एक है, जो भविष्य में बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।
कुल मिलाकर, Trent के Q2FY26 परिणामों ने बाजार को थोड़ा निराश जरूर किया है, लेकिन कंपनी के पास अभी भी कई ऐसे कारक हैं जो इसके दीर्घकालिक विकास को समर्थन दे सकते हैं — जैसे कि Westside और Zudio का विस्तार, बढ़ती EBITDA मार्जिन, और मजबूत ग्राहक नेटवर्क। आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रेंट अपनी रणनीतियों में क्या बदलाव लाती है ताकि निवेशकों का भरोसा दोबारा हासिल कर सके।https://www.livemint.com/market/stock-market-news/trent-share-price-nifty-top-gainer-jumps-3-in-muted-indian-stock-market-heres-why-11756443524603.html
ये भी पढ़े

