उत्तराखंड की हरी-भरी वादियों में बसा था एक छोटा सा गाँव – माधवपुर। वहाँ की फिज़ाओं में एक अजीब सी रहस्यमय ख़ामोशी थी। गाँव से कुछ दूरी पर एक पुराना श्मशान घाट था, (A True Ghost and Spirit Story)जिसके बारे में लोगों का कहना था कि वहाँ रात को अजीब घटनाएँ होती हैं। कोई रोता है, कोई हँसता है, और कई बार तो लोगों ने वहाँ एक युवती को सफेद साड़ी में भटकते देखा है। (bhoot pret ki sacchi kahani)
दिल्ली से आया आरव एक प्रसिद्ध फोटो जर्नलिस्ट था। अपने नाना जी की तेरहवीं में शामिल होने वह गाँव आया था। लेकिन जब उसने गाँव में इस श्मशान घाट के रहस्यों की बातें सुनीं, तो उसकी खोजी प्रवृत्ति जाग उठी। उसने ठान लिया कि वह इस रहस्य को जानकर रहेगा। (shamshan ka rahasya)
रात के ठीक बारह बजे, आरव कैमरा और टॉर्च लेकर श्मशान की ओर निकल पड़ा। चारों ओर सन्नाटा था और हवा में एक अजीब सी ठंडक थी। जैसे ही उसने कैमरे की स्क्रीन चेक की, उसमें अचानक एक धुंधली छवि नज़र आई – एक युवती, जिसके बाल खुले थे और चेहरा दर्द से भरा हुआ था। (shamshan ghat ki aatma)
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आरव काँप गया, लेकिन रुकने का नाम नहीं लिया। तभी वो युवती बोली, “तुम यहाँ क्यों आए हो?”
आरव ने काँपती आवाज़ में कहा, “मैं जानना चाहता हूँ कि तुम कौन हो… और यहाँ क्यों हो?”
लड़की की आँखों में दर्द था लेकिन आवाज़ में शांति। “सच जानोगे तो लौट नहीं पाओगे,” उसने कहा। (darawani kahani)
अगले दिन आरव गाँव की सबसे बूढ़ी महिला से मिला और उस आत्मा के बारे में पूछा। उन्होंने बताया, “वो लड़की अनन्या थी। पढ़ाई में तेज़, खूबसूरत और एक भोली आत्मा। वो राजवीर नाम के लड़के से प्रेम करती थी। लेकिन दोनों की जातियाँ अलग थीं। समाज ने उनके प्यार को नहीं माना। राजवीर ऊँची जाति से था और अनन्या एक ग़रीब परिवार से।” (bhootia prem kahani)
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“अनन्या की शादी जबरदस्ती कहीं और तय कर दी गई। शादी की रात उसने खुद को श्मशान के कुएं में फेंक दिया। तभी से उसकी आत्मा वहीं भटक रही है।”
ये जानकर आरव अंदर तक हिल गया। अगली रात वह फिर से श्मशान गया। वहाँ फिर से अनन्या की आत्मा उसे दिखाई दी।(A True Ghost and Spirit Story)
“मेरा नाम अनन्या है,” वो बोली, “मुझे इस दुनिया से कुछ नहीं चाहिए, बस मेरा अधूरा प्यार वापस चाहिए।”
उसकी बातों में ऐसा दर्द था कि आरव भावनाओं में बह गया। उसे अब उस आत्मा से लगाव होने लगा था। हर रात वह उससे मिलने जाने लगा। दिन-भर उसके बारे में सोचता रहता। ये कोई आम रिश्ता नहीं था, बल्कि दिल से जुड़ाव था। (atma se prem ki kahani)
एक दिन आरव ने गाँव के पंडित से बात की। उन्होंने आत्मा को शांति देने के लिए एक विशेष पूजा विधि बताई। आरव ने संकल्प लिया कि वह ये पूजा करेगा।
जब पूजा की रात आई, तो श्मशान में हवाएं तेज़ चलने लगीं। अनन्या की आत्मा चीख उठी, “मुझे मत रोको! मैं अधूरी हूँ!”
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आरव ने शांत स्वर में कहा, “तुम्हारा प्यार अधूरा नहीं था। वो आज भी जिंदा है। अब तुम्हें मुक्ति चाहिए।” (shamshan ki prem kahani)
तभी एक और आत्मा प्रकट हुई – एक युवक की। उसका शरीर जली हुई चिता जैसा दिख रहा था। “तुमने सोचा कि सिर्फ अनन्या मरी थी? नहीं, मैं भी उसी रात यहाँ आया था… और खुद को जला दिया था।”
वह आत्मा कोई और नहीं बल्कि राजवीर की थी।
राजवीर बोला, “हमारा पुनर्जन्म हो चुका है। और उस जीवन में मैं ही तुम हूँ – आरव।” (punarjanm ki kahani)
आरव स्तब्ध रह गया। उसके अंदर जैसे सब कुछ साफ हो गया। वो जुड़ाव, वो भावनाएँ – सब पिछले जन्म की ही देन थी।(A True Ghost and Spirit Story)
उसने पूजा पूरी की और वचन दिया, “इस जन्म में मैं तुम्हारा प्यार अधूरा नहीं रहने दूँगा।”
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जैसे ही अंतिम मंत्र पूरा हुआ, एक तेज़ प्रकाश फैला और दोनों आत्माएँ मुस्कुराते हुए आकाश में विलीन हो गईं। (atma ki mukti ki kahani)
आज आरव गाँव में ही एक स्कूल चलाता है – “अनन्या शिक्षा निकेतन”। वह बच्चों को प्रेम, समानता और सच्चाई की सीख देता है। (bhayankar bhoot pret ki kahani)
श्मशान अब किसी को डराता नहीं, बल्कि एक सच्चे प्रेम की मिसाल बन गया है। और “Shamshan Ka Rahasya” अब सिर्फ एक डरावनी कहानी नहीं, बल्कि अमर प्रेम की निशानी बन चुका है। (shamshan ka rahasya)https://hindikahani.in/the-mystery-of-the-secret-jungle/