Friday, May 30, 2025

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कौआ और मटका (kauwa aur matka story)

एक नई सीख के साथ पुरानी कहानी!(kauwa aur matka story)

गर्मियों की धूप अपने चरम पर थी। हरियाली मुरझा रही थी, और नदियाँ सूख चुकी थीं। प्यास से तरसते पक्षियों और जानवरों की हालत खराब हो रही थी। एक बूढ़ा कौआ (kauwa story) भी इस भीषण गर्मी का शिकार हो रहा था। उसका नाम था कालू। जवानी के दिनों में वह आसमान का राजा था, लेकिन अब उसके पंख धीरे-धीरे कमजोर हो चुके थे।

कौए की प्यास (moral story in hindi)(kauwa aur matka story)

एक दिन, कालू हवा में उड़ रहा था, तभी उसकी नज़र खेत के बीच रखे एक मटके (matka story) पर पड़ी। उसका गला सूख रहा था, और पानी की एक बूंद भी मिल जाए तो जैसे जान वापस आ जाए। वह तुरंत नीचे उतरा और मटके के पास जा पहुँचा।

मटका पुराना था, और उसमें थोड़ा सा पानी बचा था, लेकिन वह बहुत नीचे था। कालू ने अपनी चोंच अंदर डाली, पर पानी तक नहीं पहुँच सका। उसने दो बार कोशिश की, मगर बेकार।

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उसे याद आया कि जवानी में उसने एक कहानी सुनी थी – “कौआ और मटका” (kauwa aur matka ki kahani), जिसमें एक होशियार कौए ने पत्थर डाल-डालकर पानी ऊपर लाया था। कालू को यह तरीका याद आया और उसने भी पत्थर खोजने शुरू किए।

हार की शुरुआत(kauwa aur matka story)

लेकिन यह क्या?

जब उसने पत्थर उठाकर मटके में डालने चाहे, तो उसकी ताकत साथ नहीं दे रही थी। पंख धीरे हो चुके थे, और पत्थर उठाना मुश्किल हो गया था। वह पत्थर उठाता, लेकिन हाथ से गिर जाता। प्यास और बढ़ गई थी, पर अब अंदर एक असहायपन भी महसूस हो रहा था।

उसने हार मान ली। उसके अंदर एक अजीब सी उदासी थी। “शायद अब मैं बेकार हो चुका हूँ,” उसने सोचा।

थक हार कर वह एक पेड़ के नीचे बैठ गया। प्यास से उसकी हालत और खराब हो रही थी। तभी उसकी नज़र एक छोटी सी चिड़िया पर पड़ी जो पास ही बैठ कर उसे देख रही थी।

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नई सीख (moral story in hindi for kids)

चिड़िया ने पूछा, “क्या हुआ कौआ जी? इतने उदास क्यों हो?”

कालू ने दुखी मन से बताया, “मैं एक समय का होशियार और ताकतवर कौआ था। लेकिन अब बूढ़ा हो चुका हूँ। मटके में पानी है, पर मैं पी नहीं सकता। मैं पत्थर डालने की कोशिश कर रहा था, लेकिन मेरी ताकत नहीं चल रही। शायद मेरे दिन अब खत्म होने वाले हैं।”

चिड़िया मुस्कराई और बोली, “कौआ जी, होशियारी सिर्फ ताकत से नहीं आती, दिमाग से भी आती है। जब आप जवान थे तब पत्थर डालकर पानी ऊपर ला सकते थे, लेकिन अब नए तरीके ढूंढने का समय है।”

कालू थोड़ा हैरान हुआ। “क्या नए तरीके?”

चिड़िया बोली, “आपने कभी सोचा, अगर भारी चीज़ पानी में डालने से वह ऊपर आता है, तो हल्की चीज़ डालने से क्या होगा?”(kauwa aur matka story)

कालू सोच में पड़ गया। तभी उसने देखा कि आस-पास सूखे पत्ते पड़े हैं। उसके दिमाग में एक नया विचार आया।

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बुद्धिमानी से सफलता (panchtantra kahani)

वह तुरंत सूखे पत्ते उठाने लगा और मटके में डालने लगा। धीरे-धीरे पत्ते पानी के ऊपर तैरने लगे, और जितने ज्यादा पत्ते डाले, पानी उतना ऊपर आने लगा।

कुछ देर में, पानी इतना ऊपर आ गया कि कालू अपनी चोंच से आराम से पी सका! उसने जैसे ही पानी पिया, उसका गला तर हो गया, और जान में जान आ गई।(kauwa aur matka story)

कालू की आँखों में खुशी के आँसू आ गए। उसने चिड़िया का धन्यवाद किया और कहा, “आज मुझे समझ आया कि होशियारी सिर्फ पुराने तरीके या ताकत से नहीं आती, नए तरीके भी अपनाने चाहिए। हर उम्र में, हर परिस्थिति में नए उपाय काम आते हैं।”

चिड़िया हँसी और बोली, “हाँ, समय के साथ बदलने वाले ही सफल होते हैं!”

उस दिन से कालू सिर्फ एक बूढ़ा कौआ (hindi moral story) नहीं रहा, बल्कि एक समझदार और नए तरीके अपनाने वाला कौआ बन गया।(kauwa aur matka story)

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शिक्षा (moral of the story in hindi)

“समय के साथ नए तरीके ढूंढना ज़रूरी है। होशियारी सिर्फ ताकत में नहीं, नई सोच में भी होती है!”https://hindi.pratilipi.com/stories/top-10-moral-stories-in-hindi

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