सरकार ने WhatsApp और Telegram जैसे OTT ऐप्स से आने वाले फर्जी कॉल्स और मैसेज को रोकने के लिए व्यापक योजना बनाई है। इंटरनेट प्लेटफॉर्म भी फर्जी कॉल्स और मैसेज को नियंत्रित कर सकते हैं।
सरकार ने WhatsApp और Telegram जैसे OTT प्लेटफॉर्म पर बढ़ रहे फर्जी कॉल को रोकने के लिए व्यापक योजना बनाई है। इसके लिए MeitY (मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी) ने एक व्यापक अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इसके लिए स्केटहोल्डर्स के साथ सरकार ने हाल ही में एक बैठक की है। सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है क्योंकि स्कैमर्स इन दिनों WhatsApp और Telegram जैसे OTT प्लेटफॉर्म का सहारा लेकर लोगों के साथ फ्रॉड कर रहे हैं।
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OTT से फर्जी कॉल्स को रोका जाएगा
WhatsApp और Telegram जैसे ऐप्स इंटरनेट पर चलते हैं। Telecom कंपनियां इस प्लेटफॉर्म पर कॉल और मैसेज को नियंत्रित नहीं कर सकतीं। ऐसे में, स्कैमर्स ने इन प्लेटफॉर्म का उपयोग करके लोगों को फर्जी कॉल्स और मैसेज भेजना चुना है। पिछले दिनों सरकार ने दूरसंचार नियामक (TRAI) और अन्य नियामकों के साथ एक संयुक्त कमिटी बनाई है जिसका उद्देश्य OTT और RCS के माध्यम से होने वाले धोखाधड़ी को रोकना है।
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पिछले अगस्त में, दूरसंचार नियामक TRAI ने Telecom यूजर्स की सर्विस क्वालिटी को सुधारने के लिए कड़े निर्देश जारी किए। इनमें अनसोलिसिटेड कमर्शियल कम्युनिकेशन (UCC) के नियम बनाए गए हैं। इसमें OTT प्लेयर्स नहीं हैं।
सेवा की गुणवत्ता बढ़ेगी
TCCCPR के नए नियमों के कारण अब स्पैम कॉल रिपोर्ट करना आसान हो गया है। यही नहीं, यूजर्स आसानी से अपने Phone पर आने वाले फर्जी कॉल्स को जान सकेंगे। Telecom ऑपरेटर्स ने इसके लिए नेटवर्क लेवल पर AI पर आधारित फिल्टर भी लगाया है. ये फिल्टर विशिष्ट मैसेज हेडर्स के बिना आने वाली कमर्शियल संचार को ब्लॉक करेंगे। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, नए नियमों के लागू होने के बाद 90 प्रतिशत फर्जी कॉल और मैसेज नेटवर्क लेवल पर ही रोके जाते हैं।https://navbharattimes.indiatimes.com/tech/gadgets-news/govt-calls-prevention-system