दुनियाभर में सोने की कीमतें लगातार ऊपर जा रही हैं। अमेरिका की नीतियों, डॉलर की कमजोरी और वैश्विक अनिश्चितताओं का सीधा असर गोल्ड मार्केट पर दिखाई दे रहा है। खासकर भारत जैसे देश में, जहां लोग सोने को न सिर्फ आभूषण के तौर पर बल्कि सुरक्षित निवेश के रूप में भी देखते हैं, वहां सोने की मांग और कीमत दोनों तेजी से बढ़ रही हैं।
ट्रंप के टैरिफ और गोल्ड प्राइस(Gold Price)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार को झटका दिया है। इस फैसले से पूरी दुनिया में निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। जब भी वैश्विक अर्थव्यवस्था पर दबाव आता है, निवेशक सुरक्षित ठिकाने की तलाश करते हैं, और सोना इस समय सबसे भरोसेमंद विकल्प साबित हो रहा है। यही वजह है कि सोना तीन हफ्तों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।
इतना ही नहीं, चांदी के दाम भी लगातार तेजी पकड़ रहे हैं। भारतीय बाजारों में सोना 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम से ऊपर निकल चुका है और दिवाली से पहले इसमें और बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है।
साल 2025 में सोने का सफर
इस साल की शुरुआत से ही सोने की कीमतों में जोरदार तेजी देखी गई है। जनवरी में जहां गोल्ड प्राइस लगभग 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम था, वहीं अब यह 1,03,000 रुपये के पार निकल गया है। यानी महज आठ महीनों में सोने का भाव 32% तक बढ़ चुका है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर मार्च में सोने ने 90,000 रुपये का स्तर पार किया था और अब यह 1 लाख रुपये से भी ऊपर ट्रेड हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी यही ट्रेंड देखने को मिला है, जहां सोने ने मई में 3,392 डॉलर प्रति औंस का स्तर छू लिया था।
क्यों बढ़ रही है सोने की कीमत(Gold Price)?
सोने की कीमतें बढ़ने के कई अहम कारण हैं:
- डॉलर की कमजोरी – अमेरिकी डॉलर पर निवेशकों का भरोसा कमजोर हो रहा है। इसका सीधा असर सोने पर पड़ रहा है।
- भू-राजनीतिक तनाव – अलग-अलग देशों में राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितता बनी हुई है। इससे लोग गोल्ड को सुरक्षित विकल्प मान रहे हैं।
- त्योहारी और शादी का सीजन – भारत में दिवाली और शादी का सीजन नजदीक आते ही सोने की मांग बढ़ जाती है।
- निवेशकों का रुझान – स्टॉक मार्केट और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से भी निवेशक गोल्ड मार्केट की ओर खिंच रहे हैं।
विशेषज्ञों की राय
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले महीनों में सोने की कीमतों में और उछाल आ सकता है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के अनुसार त्योहारी मांग ने भारतीय बाजार को और मजबूत किया है। वहीं कुछ विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था के आंकड़े फिलहाल स्थिर हैं, लेकिन सुरक्षित निवेश की भूख बनी हुई है। इसका मतलब है कि सोना आने वाले समय में और चमक सकता है।
निवेशकों के लिए सही समय?
कई लोग यह सवाल पूछ रहे हैं कि क्या अभी सोना खरीदना सही रहेगा। अगर आप लंबे समय के लिए निवेश कर रहे हैं, तो यह समय बिल्कुल सही है क्योंकि सोना हमेशा से भरोसेमंद संपत्ति माना गया है। हालांकि, छोटे समय के निवेशक को थोड़ी सावधानी रखनी चाहिए क्योंकि दिवाली और शादी के मौसम में दाम और ऊपर जा सकते हैं।
आजकल निवेश के लिए सिर्फ ज्वेलरी ही नहीं बल्कि गोल्ड ईटीएफ, डिजिटल गोल्ड और गोल्ड कॉइन भी लोकप्रिय हो चुके हैं। इन विकल्पों से आप बिना किसी झंझट के सोने में सुरक्षित निवेश कर सकते हैं।
आगे क्या हो सकता है?
त्योहारी मांग, डॉलर की कमजोरी और वैश्विक बाजारों की अनिश्चितता को देखते हुए फिलहाल सोने में गिरावट की संभावना बहुत कम है। दिवाली से पहले दाम और बढ़ सकते हैं। भारत जैसे देश में, जहां सोना शुभ माना जाता है, वहां त्योहारों और शादियों में इसकी मांग तेजी से बढ़ती है। यही वजह है कि आने वाले महीनों में गोल्ड प्राइस और ऊंचाई छू सकता है।https://hindi.moneycontrol.com/news/commodity/gold-price-today-gold-rises-after-trump-tariff-will-prices-rise-again-in-the-race-for-safe
निष्कर्ष
सोने की कीमतों ने इस साल निवेशकों को बड़ी हैरानी दी है। ट्रंप के टैरिफ और वैश्विक आर्थिक हालात ने गोल्ड प्राइस को नया रिकॉर्ड दिलाया है। भारत में भी त्योहारी और शादी के मौसम की वजह से सोने की चमक और बढ़ गई है।
अगर आप निवेश के लिए सोच रहे हैं तो सोना अभी भी सबसे सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प है। चाहे आप आभूषण खरीदें, डिजिटल गोल्ड लें या गोल्ड कॉइन में निवेश करें, लंबे समय में यह आपको निश्चित तौर पर फायदा देगा।
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