Volvo XC90: वोल्वो, एक प्रसिद्ध ऑटोमोबाइल कंपनी, ने अपनी आखिरी Diesel XC90 बनाया है। इसके बाद कंपनी कोई डीजल कार नहीं बनाएगी। वोल्वो म्यूजियम इस कार को सुरक्षित रखेगा।
डीजल गाड़ियों का युग अब समाप्त होने वाला है। इसका कारण यह है कि विश्व की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी Volvo ने इस हफ्ते अपनी आखिरी डीजल कार का उत्पादन शुरू किया। इसके बाद कंपनी डीजल गाड़ी नहीं बनाएगी। कम्पनी का लक्ष्य है कि 2030 तक पूरी तरह से पेट्रोलियम पर चलने वाले वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों पर बदल दें।
कंपनी की अंतिम डीजल कार थी XC90
XC90 को कंपनी की आखिरी डीजल कार माना जाता था। स्वीडन में कार कंपनी ने टॉर्सलैंडा प्लांट में इन्हें बनाया। XC90 एक लग्जरी एसयूवी है। फिलहाल, ये कार पेट्रोल संस्करण में विश्व के सभी बड़े देशों में उपलब्ध हैं।

कम्पनी ने एक बयान जारी कर कहा कि डीजल वाले वाहनों को छोड़ने का समय आ गया है। हम एक समय डीजल गाड़ी बेचते थे। लेकिन आजकल ट्रेंड बदल गया है, और कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों पर ध्यान दे रही है और अपने ग्राहकों की आवश्यकताओं को समझते हुए हाइब्रिड के साथ एक फुली इलेक्ट्रिक पोर्टफोलियो बना रही है। आगे कहा कि इलेक्ट्रिक कार कंपनी की विश्वव्यापी बिक्री का 34 प्रतिशत हैं। यह भविष्य का चित्र है।
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गाड़ी को म्यूजियम में रखा जाएगा
Volvo कंपनी की XC90 एक बहुत विशिष्ट कार है। 2010 में चीनी कंपनी Geely द्वारा वोल्वो खरीदने के बाद 2014 में इसी कार ने कंपनी को विश्व भर में कमबैक दिलाया। अगले महीने गोथेनबर्ग में खुलने वाले Volvo Museum में Volvo XC90 कार का अंतिम डीजल उत्पादन यूनिट देखा जाएगा।https://www.jagran.com/automobile/four-wheeler-what-a-total-ban-on-diesel-vehicles-could-mean-in-india-23410619.html