चैत्र नवरात्रि(Chaitra Navratri) का पर्व जल्द ही शुरू होने वाला है, लेकिन 5 दिनों तक कोई शुभ कार्य नहीं किए जाएंगे। अगर आप शुभ काम करने की इच्छा रखते हैं, तो नवरात्रि के छठे दिन से आप ऐसा कर सकते हैं। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए ये लेख पढ़ें..।
Chaitra Navratri: हिंदू धर्म में खरमास के महीने में कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य करना अशुभ माना जाता है। ऐसे में Chaitra Navratri का पर्व 9 अप्रैल से शुरू होगा और खरमास 13 अप्रैल को समाप्त होगा। इसलिए चैत्र नवरात्रि के पहले पांच दिन खरमास का साया रहेगा। इसलिए Chaitra Navratri के पहले पांच दिनों तक कोई मांगलिक कार्य नहीं होंगे. छठे दिन से सभी शुभ कार्य, हवन, पूजन, विवाह, संगाई आदि होने शुरू होंगे।
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चैत्र Chaitra Navratri के दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्रि इस बार 9 अप्रैल से शुरू होगी और 17 अप्रैल को समाप्त होगी। नवरात्रि पर अच्छे काम किए जाते हैं, लेकिन इस बार खरमास की वजह से ये काम पांच दिन नहीं होंगे।
खरमास में सभी मांगलिक और शुभ कार्य बंद हो जाते हैं क्योंकि ऐसा करने से काम में बाधा आती है। ज्योतिषियों ने कहा कि खरमास के दौरान आप केवल पूजा कर सकते हैं। 9 अप्रैल से 13 अप्रैल तक सभी शुभ कार्यों को बंद कर दिया जाएगा। 14 अप्रैल से मांगलिक कार्य भी शुरू होंगे।Chaitra Navratri
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5 दिनों तक इन कामों को नहीं करें
- खरमास में शुभ कार्य करने से लाभ नहीं मिलता। इसलिए खरमास के दौरान कोई शुभ या मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए।
- जब आप खरमास में कुछ शुभ काम करते हैं, तो यह बाद में आप पर बुरा प्रभाव डाल सकता है।
- खरमास के दौरान 16 संस्कार भी नहीं करना चाहिए। रत्न, जमीन-जायदाद और आभूषण खरीदने से भी बचें।
- खरमास के दौरान कोई नया कारोबार नहीं शुरू करें।
- चैत्र नवरात्रि(Chaitra Navratri) के पहले पांच दिनों तक शादी, हवन, कथा, सगाई या कुछ भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि बाद में आप कई चुनौतियों से गुजर सकते हैं।
क्यों शुभ कार्य नहीं होते?
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, इस महीने को खरमास कहते हैं क्योंकि ग्रहों के राजा सूर्य गुरु धनु और मीन राशि में हैं। सूर्य देव इस समय गुरु देव बृहस्पति से मंत्रणा करते हैं और उनकी सेवा करते हैं। इसलिए, वे धरती पर बहुत कम प्रभाव डालते हैं। वर्तमान समय में शुभ कार्य नहीं किए जाते, क्योंकि ऐसा करने से इनमें बाधाएं आती हैं। इस समय केवल पूजा-पाठ और जप-तप का विधान है।https://navbharattimes.indiatimes.com/astro/religion-rituals/festivals-and-fasts/chaitra-navratri-2024-date-importance-and-shubh-yoga-chaitra-navratri-kab-se-hai/articleshow/108432365.cms