हर नौकरीपेशा व्यक्ति के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि उसकी कमाई में से कितना पैसा उसके पास बचेगा और कितना हिस्सा सरकार ले जाएगी। सैलरी आने की खुशी तभी तक रहती है, जब तक पेस्लिप में टैक्स कटौती की लाइन दिखाई नहीं देती। भारत में अक्सर लोग मानते हैं कि यहां टैक्स बहुत ज्यादा है, लेकिन जब दुनिया में इनकम टैक्स रेट की तुलना की जाती है, तो पता चलता है कि कुछ देश ऐसे हैं जहां आपको इनकम टैक्स बिल्कुल नहीं देना होता, जबकि कुछ देशों में आपकी कमाई का आधे से भी ज्यादा हिस्सा टैक्स के रूप में चला जाता है। यही कारण है कि दुनियाभर के टैक्स सिस्टम की जानकारी आज एक बड़ी जरूरत बन गई है।
दुनिया में इनकम टैक्स रेट की सबसे दिलचस्प बात यह है कि कुछ देश ऐसे हैं जिन्हें “टैक्स-फ्री स्वर्ग” कहा जाता है। इस सूची में सबसे पहले नाम आता है संयुक्त अरब अमीरात यानी UAE का। दुबई और अबू धाबी न केवल अपने आधुनिक जीवनशैली और रोजगार अवसरों के लिए मशहूर हैं, बल्कि इस वजह से भी लोकप्रिय हैं कि यहां आपकी सैलरी का पूरा पैसा आपकी जेब में जाता है। यहां सरकार इनकम टैक्स नहीं लेती, इसलिए दुनियाभर के लाखों प्रोफेशनल्स हर साल UAE की ओर रुख करते हैं।
UAE के अलावा सऊदी अरब भी टैक्स-फ्री देशों में शामिल है। यहां न इनकम टैक्स देना पड़ता है, न कैपिटल गेन टैक्स। इस कारण यहां काम करने वाले लोगों को अपनी पूरी कमाई सुरक्षित रहती है। कुवैत का टैक्स सिस्टम भी बेहद आकर्षक माना जाता है। यहां न इनकम टैक्स है, न गिफ्ट टैक्स और न ही इनहेरिटेंस टैक्स। लंबे समय तक विदेश में बसने वालों के लिए यह एक आदर्श विकल्प माना जाता है।
बहरीन और कतर भी टैक्स-फ्री देशों की श्रेणी में आते हैं। बहरीन में सरकार अप्रत्यक्ष करों के जरिए अपनी आय बढ़ाती है, जिससे नौकरीपेशा लोगों पर कोई बोझ नहीं पड़ता। बहामास में भी इनकम टैक्स, गिफ्ट टैक्स और कैपिटल गेन टैक्स जैसी कोई परेशानी नहीं होती। यहां सरकार वैट (VAT) और स्टांप ड्यूटी के जरिए राजस्व जुटाती है।
ओमान इस लिस्ट में एक अपवाद बन सकता है। अभी यह टैक्स-फ्री है, लेकिन 2028 से उच्च आय वालों पर 5% टैक्स लगाने की संभावना है। फिर भी यह दर दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले बेहद कम है।
अगर यूरोपीय देशों की बात करें, तो यहां टैक्स का ढांचा काफी भारी है। दुनिया में सबसे ज्यादा इनकम टैक्स रेट वाला देश फिनलैंड माना जाता है, जहां अधिकतम टैक्स दर लगभग 57.65% तक पहुंचती है। इसका मतलब यह है कि अगर आप 100 रुपये कमाते हैं, तो 57 रुपये से ज्यादा टैक्स में चले जाते हैं।
जापान भी इस मामले में पीछे नहीं है। यहां अधिकतम टैक्स दर करीब 55.95% है। डेनमार्क, ऑस्ट्रिया और स्वीडन जैसे देशों में भी टैक्स दर 50% से ज्यादा रहती है। इन देशों में लोग अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा सरकार को देते हैं, लेकिन इसके बदले उन्हें बेहतरीन स्वास्थ्य सेवा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा मिलती है।
बेल्जियम, इजरायल, नीदरलैंड और पुर्तगाल में भी टैक्स दरें 48% से 52% के बीच रहती हैं। वहीं, लंदन यानी यूनाइटेड किंगडम की बात करें, तो यहां इनकम टैक्स 20% से शुरू होकर 45% तक जाता है। इसके अलावा हर प्रोडक्ट और सर्विस पर 20% वैट (VAT) अलग से देना पड़ता है। इसलिए लंदन में रहना, कमाना और खर्च करना काफी महंगा साबित होता है। जर्मनी, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया में भी इनकम टैक्स दर लगभग 45% है, जो दुनिया में ऊंची श्रेणी में आती है।
अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और यहां अधिकतम इनकम टैक्स रेट 37% है। यह यूरोप के मुकाबले कम है, लेकिन भारतीय टैक्स दरों की तुलना में ज्यादा माना जाता है। चीन में इनकम टैक्स रेट 45% तक पहुंच जाता है, जो वहां के कामगारों पर भारी बोझ डालता है।
भारत के पड़ोसी देशों की बात करें तो पाकिस्तान, इंडोनेशिया और मैक्सिको में अधिकतम टैक्स दर 35% है। बांग्लादेश सबसे कम टैक्स वाले देशों में आता है, जहां अधिकतम दर सिर्फ 25% है। दुनिया में कुछ ऐसे देश भी हैं जहां टैक्स का बोझ बेहद कम है। जैसे—ग्वाटेमाला में मात्र 7% टैक्स लगता है। कजाकिस्तान, रोमानिया और सर्बिया में यह दर 10% है और रूस में यह 13% तय है, जो वैश्विक औसत से काफी कम है।
दुनिया में इनकम टैक्स रेट एक जैसा नहीं है, क्योंकि हर देश की आर्थिक नीति, विकास का स्तर, सामाजिक सुरक्षा प्रणाली और सार्वजनिक सुविधाओं की जरूरतें अलग-अलग होती हैं। कुछ देश नागरिकों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और मजबूत सुरक्षा प्रदान करते हैं, इसलिए उन्हें अधिक टैक्स वसूलना पड़ता है। वहीं, कुछ देश राजस्व के लिए तेल, व्यापार और पर्यटन जैसे अन्य स्रोतों पर निर्भर रहते हैं, इसलिए वहां इनकम टैक्स की जरूरत नहीं पड़ती।
जो लोग विदेश जाने का प्लान बनाते हैं, उनके लिए दुनिया में इनकम टैक्स रेट को समझना बेहद जरूरी है। इससे यह पता चलता है कि किसी देश में रहने पर आपकी नेट इनकम कितनी होगी और आपकी जीवनशैली पर इसका क्या असर पड़ेगा। टैक्स-फ्री देश भले ही कमाई बचाने के लिहाज से आकर्षक हों, लेकिन हर देश का जीवन खर्च, नियम, अवसर और सुविधाएं अलग होती हैं। इसलिए सिर्फ टैक्स देखकर किसी देश का चुनाव नहीं किया जा सकता।https://www.zeebiz.com/hindi/personal-finance/income-tax/photo-gallery-10-countries
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