अभी हमें Demat Account या बीमा बैंक खुलवाने के लिए दो अलग-अलग KYC करानी पड़ती है। इसमें पैसे और काफी वक्त लगता है। लेकिन अब सरकार ऐसा कानून बनाने की तैयारी कर रही है जिसमें आप एक वित्तीय संस्था में KYC कराने के बाद उसका लाभ दूसरे क्षेत्रों में भी ले सकेंगे। आइए इस नियम का विस्तार से अध्ययन करें।
व्यापार डेस्क, नई दिल्ली। यदि आप इंश्योरेंस पॉलिसी लेने जा रहे हैं, बैंक अकाउंट खुलवा रहे हैं या शेयर मार्केट में निवेश करने जा रहे हैं, तो आपको हर बार KYC (Know Your Customer) का पालन करना होगा। सरकारी योजनाओं का लाभ लेना चाहते हैं, तो भी KYC करना होगा। इसमें काफी समय बिताया गया है।
आप भी बार-बार KYC कराने की परेशानी से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो एक अच्छी खबर है। अब सरकार KYC नियमों को यूनिफॉर्म केवाईसी (Uniform KYC) में बदलने पर विचार कर रही है। इसमें आपको सिर्फ एक बार विस्तृत KYC भरना होगा, फिर आप उसका इस्तेमाल कहीं भी कर सकते हैं।
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आइए जानें कि यूनिफॉर्म KYC क्या है, यह प्रस्ताव किसने किया है और यह कब तक लागू हो सकता है।
यूनिफॉर्म KYC कैसे काम करता है?
Uniform KYC में 14 अंकों का CKYC संख्या जारी किया जाएगा। RBI, सेबी और इरडा जैसे नियंत्रक निकाय इसका उपयोग कर सकते हैं। इसका अर्थ है कि आपको बैंक अकाउंट, फास्टैग, शेयर बाजार और बीमा के लिए नए सिरे से केवाईसी कराने की जरूरत नहीं होगी। आप बस CKYC नंबर देने भर से काम करेंगे।
यूनिफॉर्म KYC सुझाव कहां से प्राप्त हुआ?
2016 में, वित्त मंत्रालय ने सेंट्रल KYC रिकॉर्ड्स रजिस्ट्री (CKYCR) बनाया था। यह लोगों को बार-बार केवाईसी कराने की परेशानी से छुटकारा दिलाना चाहता था। यही कारण था कि यूनिफॉर्म KYC का प्रस्ताव रखा गया था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले दिनों कहा कि ग्राहकों के सत्यापन के लिए यूनिफॉर्म KYC (Uniform KYC) लागू किया जा सकता है। इससे लोगों को बार-बार केवाईसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।https://www.patrika.com/national-news/patrika-explains-same-kyc-for-banking-insurance-and-mutual-funds-8773237
फाइनेंशियल स्टेबिलिटी एंड डेवलपमेंट काउंसिल (FSDC) का मानना है कि बार-बार KYC कराने की प्रक्रिया बहुत व्यस्त है। यूनिफॉर्म KYC लागू करने से वक्त बचेगा और खर्च भी कम होगा। फिर लोग किसी वित्तीय संस्थान में एक बार KYC करने के बाद उससे दूसरे स्तर पर भी लाभ ले सकते हैं।