साल 2025 खगोलीय घटनाओं के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है। इस साल दो सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2025) लगेंगे, जिनमें से अंतिम सूर्य ग्रहण अक्टूबर माह में पड़ेगा। इसे लेकर लोगों में काफी जिज्ञासा है कि यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा या नहीं। साथ ही यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या इसका धार्मिक और ज्योतिषीय असर हमारे जीवन पर पड़ेगा या नहीं? आइए जानते हैं इस सूर्य ग्रहण से जुड़ी पूरी जानकारी सरल भाषा में।
2025 का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 29 अक्टूबर 2025 को लगेगा। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse) होगा, जिसमें चंद्रमा सूर्य के सामने आकर उसका केवल कुछ हिस्सा ही ढकता है। यह घटना खगोलीय दृष्टिकोण से काफी रोचक होती है और वैज्ञानिकों द्वारा विशेष रूप से अध्ययन की जाती है।
सबसे बड़ा सवाल यही है – क्या यह सूर्य ग्रहण भारत के आसमान में देखा जा सकेगा? वैज्ञानिक गणनाओं और खगोलविदों के अनुसार, 29 अक्टूबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह केवल उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के कुछ भागों, अटलांटिक महासागर और पश्चिमी अफ्रीका के क्षेत्रों में ही दृष्टिगोचर होगा।
इसलिए भारत में रहने वाले लोग इसे अपनी आंखों से नहीं देख पाएंगे, लेकिन डिजिटल माध्यमों जैसे लाइव स्ट्रीम या टेलीस्कोपिक फुटेज के जरिए इस अद्भुत दृश्य का आनंद लिया जा सकता है।
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हिंदू धर्म में ग्रहण के समय सूतक काल का विशेष महत्व होता है। हालांकि, जब ग्रहण किसी विशेष देश में दिखाई नहीं देता, तो वहां सूतक काल मान्य नहीं होता। इसी आधार पर 29 अक्टूबर 2025 को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई न देने के कारण सूतक काल लागू नहीं होगा।
इसका अर्थ है कि मंदिरों में पूजा-पाठ की नियमित व्यवस्था बनी रहेगी, और आम जनजीवन में भी किसी तरह की धार्मिक रोक-टोक नहीं होगी।
भारत जैसे धार्मिक और आध्यात्मिक देश में सूर्य ग्रहण का प्रभाव केवल खगोल तक सीमित नहीं रहता, बल्कि लोगों की आस्था और धार्मिक परंपराओं से भी जुड़ा होता है। ग्रहण के दौरान पूजा, दान, मंत्र जाप, और ध्यान जैसे कार्यों को विशेष फलदायी माना जाता है। हालांकि, चूंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसका असर भी नगण्य माना जाएगा।
सूर्य ग्रहण एक अत्यंत प्रभावशाली खगोलीय घटना है, जो तब घटित होती है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आकर सूर्य की रोशनी को आंशिक रूप से या पूरी तरह रोक देता है।
इस बार का सूर्य ग्रहण आंशिक (Partial Solar Eclipse) होगा, यानी चंद्रमा केवल सूर्य का एक हिस्सा ढकेगा। इससे सूर्य की आकृति अर्धचंद्र जैसी दिखाई देगी। वैज्ञानिक इसे अध्ययन और पर्यवेक्षण का एक उत्कृष्ट अवसर मानते हैं, खासकर उस क्षेत्र में जहां यह ग्रहण दिखेगा।
हालांकि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, लेकिन सामान्य जानकारी के तौर पर सूर्य ग्रहण के समय कुछ सतर्कताएं जरूरी होती हैं:
अगर आप सूर्य ग्रहण को भारत में अपनी आंखों से देखना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको 2026 का इंतजार करना होगा। 12 अगस्त 2026 को भारत में एक पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipse) दिखाई देगा, जो कई राज्यों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा। यह एक दुर्लभ खगोलीय अनुभव होगा।
ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रहण का प्रभाव ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है। कहा जाता है कि ग्रहण काल में कुछ विशेष उपाय या साधनाएं करने से शुभ फल मिलते हैं। लेकिन यह तभी प्रभावी माने जाते हैं जब ग्रहण आपके क्षेत्र में स्पष्ट रूप से दिखाई दे। चूंकि 29 अक्टूबर 2025 का सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा, इसलिए ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी इसका कोई विशेष प्रभाव नहीं माना जाएगा।
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हालांकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन आप इसे NASA, ISRO या अन्य अंतरराष्ट्रीय खगोल संस्थाओं के माध्यम से ऑनलाइन लाइव देख सकते हैं। कई शैक्षणिक संस्थाएं और यूट्यूब चैनल भी इस ग्रहण का सीधा प्रसारण करते हैं। बच्चों और छात्रों के लिए यह अनुभव शिक्षाप्रद हो सकता है।
29 अक्टूबर 2025 को लगने वाला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2025) भारत में नहीं दिखेगा। इस वजह से न तो सूतक काल प्रभावी होगा और न ही किसी प्रकार के धार्मिक कार्यों पर रोक रहेगी। फिर भी यह घटना खगोल विज्ञान के छात्रों, वैज्ञानिकों और उत्साही लोगों के लिए महत्वपूर्ण अवसर है।
अगर आप सूर्य ग्रहण का वास्तविक दृश्य अनुभव करना चाहते हैं, तो 12 अगस्त 2026 की तिथि को अपने कैलेंडर में जरूर चिन्हित कर लें, क्योंकि तब भारत में पूर्ण सूर्य ग्रहण देखा जा सकेगा।https://www.google.com/search?q=%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B2+2025
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