एक सर्द शाम थी। पुरानी दिल्ली की संकरी गलियों में 45 साल का इक़बाल शेख़ अपनी पुरानी घड़ी मरम्मत की…
रात का सन्नाटा हर तरफ छाया था। चाँदनी अपनी रोशनी से ज़मीन को रोशन कर रही थी। एक शहर की…