रवि की दुनिया बहुत छोटी थी—एक छोटा सा गाँव, कच्चे मकान, टेढ़े-मेढ़े रास्ते और हर शाम को स्कूल से लौटते बच्चों की हल्की-सी चहचहाहट। लेकिन इस छोटी-सी दुनिया के भीतर रवि का सपना बहुत बड़ा था। वह सिर्फ़ पढ़ना नहीं चाहता था, वह अपनी मेहनत से ऐसा कुछ करना चाहता था जिससे उसका गाँव, उसके माता-पिता और वह खुद पर गर्व कर सके। यह वही उम्र थी जहाँ ज़्यादातर बच्चे खेल में खो जाते हैं, पर रवि के दिल के कोने में कहीं एक चिंगारी जल चुकी थी — और वही चिंगारी उसे एक अलग ही रास्ते पर ले जाने वाली थी (motivational story in hindi for students)।
रवि का घर आर्थिक तौर पर बेहद कमजोर था। पिता दिन में मज़दूरी करते और माँ दूसरों के घरों में काम करके घर का खर्च चलाती। कई दिनों तो ऐसा भी होता कि माँ-पिता अपना खाना छोड़कर रवि के लिए दो रोटियाँ बचा देते। लेकिन रवि के मन में कभी शिकायत नहीं जागती थी। वह हमेशा सोचता—
“मुझे पढ़ना है, आगे बढ़ना है। मेरी मेहनत एक दिन हमारे घर की गरीबी को दूर करेगी।”
उसके हर विचार के पीछे वही अदृश्य ताकत छिपी रहती जो उसे आगे बढ़ाती थी (motivational story in hindi for students)।
एक दिन स्कूल में एक घोषणा हुई। ज़िले स्तर पर “विज्ञान प्रतिभा परीक्षा” होने वाली थी। जिसने यह परीक्षा पास कर ली उसे छात्रवृत्ति, फ़ीस माफ़ी और किताबें—all free मिलने वाली थीं। रवि का दिल तेज़ी से धड़कने लगा। यह उसके लिए एक सुनहरा मौका था—लेकिन डर भी था। उसके क्लास के कई बच्चे उसे देखकर हँसते थे—
“अरे रवि! तू इतनी बड़ी परीक्षा देगा?”
“तेरे पास तो ठीक से किताबें भी नहीं हैं।”
“तू हमारा मुकाबला नहीं कर सकता।”
उनकी बातें रवि के दिल में तीर की तरह चुभतीं, लेकिन उसे गिराती नहीं थीं। उल्टा उसकी हिम्मत और बढ़ जाती थी (motivational story in hindi for students)।
रात को खाना खाने के बाद जब गाँव में सन्नाटा उतर आता, लोग अपने-अपने घरों में सो जाते, तब रवि पुरानी दीमक-खाई किताबों को खोलकर पढ़ाई करता। कई पन्नों पर स्याही तक मिट चुकी थी, पर रवि हर मिटे शब्द को अपनी मेहनत से पूरा करता। पिता रात को थक कर सो जाते थे, पर कभी-कभी वह उठकर देखते कि कड़ी ठंड में भी रवि पढ़ रहा है।
एक रात पिता ने कहा—
“बेटा, इतना थक मत जाया कर… शरीर भी ज़रूरी है।”
रवि मुस्कुराया,
“पिताजी, अगर मैं आज मेहनत नहीं करूँगा, तो कल कैसे बदलूँगा?”
और पिता चुपचाप उसकी पीठ सहलाते हुए कमरे से बाहर चले जाते। यह दृश्य रवि के दिल में और भी जोश भर देता (motivational story in hindi for students)।
परीक्षा का दिन आया। रवि का दिल धड़क रहा था, हाथ काँप रहे थे, पर मन में सिर्फ़ एक ही आवाज़ थी—
“तू कर सकता है… तू जरूर करेगा।”
उसने सवालों को ध्यान से पढ़ा, अपने दिमाग़ और आत्मविश्वास का पूरा इस्तेमाल किया और एक-एक उत्तर को बड़े धैर्य से लिखा।
पेपर खत्म होने पर वह बाहर निकला। कुछ बच्चों ने फिर ताना मारा—
“पेपर देखकर तो पता चल गया होगा कि तुझे कुछ नहीं आता!”
लेकिन रवि के चेहरे पर अब मुस्कान थी। वह जानता था कि उसने अपनी पूरी ताकत लगा दी है।
वही छोटी-सी मुस्कान उसकी सबसे बड़ी ताकत थी (motivational story in hindi for students)।
परिणाम आने में कुछ दिन बाकी थे। उन दिनों में रवि फिर से अपनी रोज़मर्रा की पढ़ाई में लग गया, पर मन में एक हल्की-सी घबराहट भी थी।
अंततः परिणाम का दिन आया। स्कूल में भीड़ लगी थी। बच्चे अपनी-अपनी रैंक देख रहे थे।
रवि डरते-डरते आगे बढ़ा और सूची खोजने लगा…
और फिर जो हुआ, वह उसके जीवन का सबसे बड़ा पल था।
सूची में—
“प्रथम स्थान: रवि कुमार (गाँव–नरसिंहपुर)”
लिखा देखकर उसकी आँखें भर आईं।
बच्चे स्तब्ध थे। जो लोग उस पर हँसते थे, वही बच्चे अब चुप थे।
कुछ को विश्वास नहीं हुआ, कुछ ने ईर्ष्या में चेहरा घुमा लिया।
लेकिन वह तो डरा नहीं था, वह मेहनत करने से नहीं डरता था—
और अब उसकी मेहनत दुनिया के सामने थी (motivational story in hindi for students)।
स्कूल में उसके सम्मान में सभा हुई। प्रधानाध्यापक ने मंच पर खड़े होकर कहा—
“रवि ने यह साबित कर दिया कि बड़े सपनों के लिए बड़ी सुविधाओं की नहीं, बड़े हौसले की जरूरत होती है।”
पूरे स्कूल ने तालियाँ बजाईं।
रवि की आँखों में खुशी के आँसू थे, लेकिन मन में एक और सवाल—
“क्या मैं यहाँ रुक सकता हूँ? नहीं… मुझे और आगे जाना है।”
उसने अपना हर सपना अब और बड़ा देखना शुरू कर दिया। उसे समझ आ गया था कि छोटा-सा कदम भी इंसान को जीवन की सबसे बड़ी सफलता के करीब ले जा सकता है (motivational story in hindi for students)।
रवि की इस जीत ने उसके घर का माहौल भी बदल दिया। पिता के चेहरे पर गर्व था, माँ की आँखों में आशीर्वाद भरा हुआ था। पड़ोसी भी अब रवि की मेहनत की मिसाल देने लगे।
जहाँ कभी लोग कहते थे—
“इसका क्या होगा?”
अब वही कहते—
“इस लड़के में आग है… यह बहुत आगे जाएगा!”
पर शायद लोगों को नहीं पता था कि यह आग रवि के अंदर तब से जल रही थी, जब उसके पास न तो सही किताबें थीं और न ही पढ़ने की कोई खास जगह।
वह आग थी उसके सपनों की, उसकी लगन की, उसके विश्वास की—
और वही आग उसे लगातार आगे बढ़ा रही थी (motivational story in hindi for students)।
समय बीतता गया। रवि अपनी पढ़ाई में हर दिन बेहतर होता गया। वह सिर्फ़ खुद को नहीं, बल्कि दूसरों को भी प्रेरित करने लगा।
एक दिन उसका छोटा भाई रोता हुआ आया—
“भैया… मुझे यह सवाल समझ नहीं आता… मैं नहीं कर पाऊँगा।”
रवि ने उसकी आँखों में झाँककर कहा—
“हर बड़ा काम छोटे कदम से शुरू होता है। तू कोशिश कर… मैं हूँ न तेरे साथ।”
और यह वही बात थी जो वह खुद वर्षों तक खुद को कहता आया था (motivational story in hindi for students)।
धीरे-धीरे रवि अपने गाँव का पहला ऐसा छात्र बना जिसने शहर के बड़े कॉलेज में दाख़िला पाया। उसकी मेहनत, संघर्ष और विश्वास ने उसे वहाँ तक पहुँचा दिया जहाँ तक पहुँचने का उसने सिर्फ़ सपना देखा था।
कॉलेज में भी वह उसी लगन से पढ़ाई करता। सुबह की पहली किरण से लेकर रात की आख़िरी सांस तक वह अपने सपने को थामे रखता।
कई बार मुश्किलें आतीं, असाइनमेंट मुश्किल लगते, प्रोजेक्ट पूरे नहीं होते, लेकिन रवि कभी पीछे नहीं हटता।
उसे पता था—
“अगर मैं आज ठहर गया, तो कल की सफलता दूर हो जाएगी।”
और वह आगे बढ़ता गया (motivational story in hindi for students)।
वर्षों बाद रवि एक सफल वैज्ञानिक बना। जिस गाँव में कभी उसे किताब तक ठीक से नहीं मिलती थी, आज वहाँ की स्कूल दीवारों पर उसकी तस्वीर लगी थी—
“हमारे गाँव का गौरव।”
जब रवि गाँव आया, बच्चों की भीड़ उसके पीछे-पीछे भाग रही थी।
“भैया हमें भी बताइए कैसे पढ़ें?”
“भैया हम भी आप जैसे बनना चाहते हैं!”
रवि मुस्कुराया और शांत आवाज़ में बोला—
“सफलता एक दिन में नहीं मिलती… लेकिन एक छोटा-सा कदम हर दिन आपको वहाँ पहुँचाता है जहाँ आप जाना चाहते हो। बस कभी रुकना मत।”
और बच्चों की आँखों में चमक आ गई (motivational story in hindi for students)।
रवि ने स्कूल में एक छोटी-सी लाइब्रेरी भी बनवाई। किताबें, नोटबुक्स, पेन, मैप्स—सब कुछ।
उसने कहा—
“मैं चाहता हूँ कि इस लाइब्रेरी से कोई और रवि पैदा हो…
जिसके पास साधन कम हों, पर सपने बड़े।”
यह उसकी सबसे बड़ी जीत थी—कि वह किसी और की जिंदगी रोशन कर रहा था (motivational story in hindi for students)।
आज भी जब कोई छात्र निराश होकर पूछता—
“क्या मैं कर पाऊँगा?”
तो रवि मुस्कुराकर कहता—
“अगर तुमने पहला कदम हिम्मत से बढ़ा दिया…
तो अगला कदम सफलता खुद तुम्हें उठा ले जाएगी।”
और उसकी यह सीख हर बच्चे के दिल में उतर जाती है (motivational story in hindi for students)।
कहानी की सीख बड़ी साधारण है, लेकिन बेहद शक्तिशाली—
सफलता कभी बड़ी छलांग में नहीं मिलती।
सफलता हर दिन उठाए गए छोटे, लगातार कदमों का परिणाम होती है।
जो बच्चे यह समझ लेते हैं,
वे आगे जाकर सबसे मजबूत, सबसे सफल और सबसे प्रेरक बनते हैं।
यह कहानी हर विद्यार्थी को यही संदेश देती है कि—
“छोटा कदम भी आपकी जिंदगी बदल सकता है,
बस उसे उठाने की हिम्मत रखो…
क्योंकि छोटी शुरुआत ही बड़ी सफलता का रास्ता खोलती है।”
(motivational story in hindi for students)https://ankitinspiresindia.com/top-5-motivational-stories-for-students-in-hindi/
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