भारतीय शेयर बाजार हर दिन नई उम्मीदों और नई चुनौतियों के साथ खुलता और बंद होता है। कभी किसी सरकारी सुधार की घोषणा बाजार को नई ऊर्जा देती है, तो कभी वैश्विक आर्थिक हालात और विदेशी निवेशकों की बिकवाली बाजार को दबाव में ला देती है। आज का दिन भी कुछ ऐसा ही रहा। बाजार ने जहां कुछ सेक्टर्स और चुनिंदा कंपनियों में मजबूती दिखाई, वहीं बाकी हिस्सों में मुनाफावसूली और गिरावट का दौर देखने को मिला। आइए विस्तार से समझते हैं आज के कारोबार की 10 बड़ी बातें।
आज भारतीय बाजार पर दो अलग-अलग तरह के असर दिखे। एक तरफ जीएसटी सुधारों की घोषणा को निवेशकों ने सकारात्मक माना क्योंकि इससे लंबे समय में खपत (consumption) बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज होगी। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इन सुधारों का असर कंपनियों के मुनाफे में तुरंत नहीं बल्कि वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही से नजर आना शुरू होगा।
दूसरी ओर विदेशी निवेशकों (FII) की लगातार बिकवाली और अमेरिका की टैरिफ पॉलिसी से जुड़ी अनिश्चितताओं ने बाजार पर दबाव बना दिया। यही वजह रही कि बाजार दिनभर सुस्त मूड में नजर आया और बड़ी तेजी की उम्मीद पूरी नहीं हो सकी।
आज कुछ कंपनियों के शेयरों ने शानदार प्रदर्शन किया।
इन नतीजों से साफ है कि ऑटो और वित्तीय सेवाओं से जुड़े शेयरों पर निवेशकों का भरोसा बढ़ा हुआ है।
कई बड़ी कंपनियों के शेयर दबाव में रहे और गिरावट के साथ बंद हुए।
यह दिखाता है कि कंज्यूमर और बैंकिंग शेयरों में मुनाफावसूली का असर साफ दिखा।
आज अधिकांश सेक्टर इंडेक्स पर बिकवाली का दबाव हावी रहा।
हालांकि, कुछ इंडेक्स मजबूत भी रहे। निफ्टी बैंक लगभग स्थिर रहा, जबकि फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स 0.47% बढ़ा और ऑटो इंडेक्स 0.85% चढ़कर बंद हुआ।
ट्रेडिंग वॉल्यूम के हिसाब से आज कुछ कंपनियां सबसे आगे रहीं।
यह दिखाता है कि निवेशकों की दिलचस्पी टेलीकॉम और नए ऑटोमोबाइल सेक्टर में बनी हुई है।
बीएसई (BSE) पर आज 9 कंपनियों ने शानदार प्रदर्शन किया और इनके शेयरों में 15% से ज्यादा की छलांग देखने को मिली। इनमें ग्रेटेक्स कॉरपोरेट सर्विसेज, क्रॉपस्टर एग्रो, कर्णावती फाइनेंस, एकेनिस सॉफ्टवेयर सर्विस और अतुल ऑटो जैसे नाम शामिल हैं।
इस उछाल ने छोटे और मध्यम स्तर की कंपनियों में भी निवेशकों का भरोसा दिखा दिया है।
बीएसई में कुल 4,280 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ। इनमें:
यह अनुपात साफ दर्शाता है कि आज बाजार में बिकवाली का दबाव ज्यादा था।
विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा हालात में निवेशकों को जल्दबाजी में फैसले लेने से बचना चाहिए। बाजार फिलहाल वैश्विक अनिश्चितताओं और विदेशी निवेशकों की बिकवाली से प्रभावित है। ऐसे में निवेशक केवल मजबूत कंपनियों और भरोसेमंद सेक्टर्स जैसे ऑटो, फाइनेंशियल सर्विसेज और कंज्यूमर स्टेपल्स में लंबी अवधि के नजरिए से निवेश कर सकते हैं।
अमेरिका की नीतियों और टैरिफ बढ़ाने की खबरों का असर पूरी दुनिया के बाजारों पर दिखाई दे रहा है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। विदेशी निवेशक लगातार भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं, जिससे एफआईआई आउटफ्लो बढ़ गया है। जब तक इन हालात में सुधार नहीं होता, बाजार पर दबाव बना रहेगा।
विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले दिनों में बाजार सीमित दायरे में रह सकता है। तेजी की बड़ी उम्मीदें तभी बनेंगी जब वैश्विक माहौल स्थिर होगा और एफआईआई की बिकवाली पर रोक लगेगी। निवेशकों को हर गिरावट पर अच्छी कंपनियों के शेयर खरीदने का मौका तलाशना चाहिए।
डिस्क्लेमर (Disclaimer):
यह आर्टिकल केवल जानकारी और शैक्षिक उद्देश्य के लिए लिखा गया है। यहां व्यक्त किए गए विचार और सुझाव संबंधित विश्लेषकों या ब्रोकरेज कंपनियों के निजी मत हैं। किसी भी तरह का निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना आवश्यक है, क्योंकि शेयर बाजार की परिस्थितियां समय-समय पर तेजी से बदल सकती हैं।http://भारतीय शेयर बाजार: आज की 10 बड़ी अहम बातें
आज का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए मिला-जुला रहा। जहां जीएसटी सुधारों ने निवेशकों को लंबी अवधि का भरोसा दिया, वहीं विदेशी निवेशकों की बिकवाली और अमेरिकी टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितताओं ने बाजार को सुस्त कर दिया। फिलहाल निवेशकों को धैर्य रखने और केवल मजबूत सेक्टर्स पर फोकस करने की जरूरत है।
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