भारत में पुलिस हर नागरिक की सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हमेशा तैयार रहती है। हम रोज़मर्रा की ज़िंदगी में पुलिस शब्द का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पुलिस को हिंदी में क्या कहते हैं?
अधिकतर लोग “थानेदार”, “सिपाही” या “चौकीदार” जैसे नाम बताते हैं, लेकिन ये सब पुलिस से जुड़े पद हैं, पुलिस का असली हिंदी नाम नहीं। असल में पुलिस का सही हिंदी नाम है – “राजकीय जन रक्षक।”
पुरानी हिंदी प्रशासनिक किताबों और सरकारी दस्तावेज़ों में पुलिस के लिए “राजकीय जन रक्षक” शब्द का उल्लेख मिलता है।
इस तरह पूरा नाम हुआ – “राजकीय जन रक्षक” यानी राज्य द्वारा नियुक्त जनता का रक्षक।
लेकिन यह नाम आम बोलचाल की भाषा में कभी लोकप्रिय नहीं हो पाया। वजह साफ है – “राजकीय जन रक्षक” बोलने में लंबा है जबकि “पुलिस” छोटा और सीधा है।
हमारे समाज में विदेशी भाषाओं से आए कई शब्द बिना बदले ही स्वीकार कर लिए गए। ट्रेन, कंप्यूटर, बैंक और पुलिस जैसे शब्द इतनी गहराई तक हमारी भाषा में शामिल हो गए कि अब इनका हिंदी रूप बोलचाल में इस्तेमाल ही नहीं होता।
लोगों के लिए छोटा और आसान शब्द जल्दी अपनाना आसान होता है। “पुलिस” कह देना आसान है, जबकि “राजकीय जन रक्षक” औपचारिक और कठिन लगता है। इसी कारण यह शब्द किताबों तक सीमित रह गया।
“पुलिस” शब्द भारत का नहीं है। इसकी जड़ें यूरोप की भाषाओं में मिलती हैं।
ग्रीक में “Polis” का मतलब केवल “शहर” नहीं था। यह नागरिकता, शासन और व्यवस्था का प्रतीक भी था। यानी शहर को सुरक्षित और व्यवस्थित रखना “Polis” की अवधारणा का हिस्सा था।
ग्रीक संस्कृति में “Polis” एक संगठित समाज की पहचान थी। यह नागरिकों की सुरक्षा, कानून और प्रशासन की जिम्मेदारी को दर्शाता था। यही विचार धीरे-धीरे यूरोप के अन्य देशों में फैला और वहां “Police” शब्द का प्रयोग खास तौर पर कानून-व्यवस्था के लिए होने लगा।
18वीं शताब्दी तक यूरोप में “Police” शब्द का अर्थ पूरी तरह बदल चुका था। अब इसका मतलब था – कानून और व्यवस्था संभालने वाली शक्ति।
जब ब्रिटिश भारत आए तो उन्होंने यहां पुलिस की एक संगठित व्यवस्था बनाई। उन्होंने अपने प्रशासनिक ढांचे में “Police” शब्द को शामिल किया और धीरे-धीरे यह हमारी ज़िंदगी और भाषा का हिस्सा बन गया।
आज भी भारत की पुलिस व्यवस्था का बड़ा हिस्सा ब्रिटिश शासनकाल में बने कानूनों और नियमों पर आधारित है।
आज की पुलिस सिर्फ अपराध रोकने तक सीमित नहीं है। इसकी जिम्मेदारी बहुत बड़ी है:
अगर हम इसे इसके हिंदी नाम “राजकीय जन रक्षक” से देखें, तो यह बिल्कुल सही बैठता है, क्योंकि पुलिस असल में जनता की रक्षा करने वाली सरकारी संस्था है।
ज़्यादातर लोग जब सुनते हैं कि पुलिस को हिंदी में “राजकीय जन रक्षक” कहा जाता है, तो हैरान रह जाते हैं। यह हमें यह समझाता है कि हमारी भाषा कितनी समृद्ध है और हर विदेशी शब्द का हिंदी विकल्प मौजूद है।
भले ही यह नाम रोज़ाना की बातचीत में न इस्तेमाल होता हो, लेकिन इसे जानना हमें हमारी भाषा और इतिहास से जोड़ता है।
अब अगर कोई आपसे पूछे कि पुलिस को हिंदी में क्या कहते हैं, तो आप आत्मविश्वास के साथ जवाब दे सकते हैं – पुलिस का सही हिंदी नाम है “राजकीय जन रक्षक।”https://www.jagranjosh.com/general-knowledge/what-is-police-called-in-hindi-1820002092-2
भले ही यह नाम हमारी जुबान पर कम ही आता हो, लेकिन यह हमारे प्रशासन और भाषा का अहम हिस्सा है। पुलिस शब्द यूरोप से होते हुए भारत आया और आम लोगों की ज़िंदगी में गहराई तक बस गया। मगर उसका असली हिंदी नाम आज भी दस्तावेज़ों में मौजूद है।
तो अगली बार जब यह सवाल उठे, तो आपके पास सही जवाब होगा।
ये भी पढ़े
Bajaj Pulsar N250: दमदार इंजन, शानदार माइलेज और स्टाइलिश डिजाइन वाली नई प्रीमियम बाइक
भारत में Electric Vehicle का बूम, फरवरी 2025 तक 56.75 लाख पंजीकृत
Weekly Horoscope 2025 के अनुसार दिसंबर का पहला हफ्ता कई राशियों के लिए बेहद खास…
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता हर साल तेजी से बढ़ रही है, और नवंबर…
भारतीय ऑटोमोबाइल मार्केट में एसयूवी की डिमांड लगातार बढ़ रही है(SUV Launch Update 2025 )…
दुनिया में तेजी से बढ़ते साइबर हमलों, स्पाईवेयर खतरे और हनी ट्रैप जैसे मामलों ने…
दिसंबर का महीना शुरू होते ही भारतीय शेयर बाजार एक बार फिर तेज गतिविधियों से…
बिटकॉइन की गिरावट के बाद मार्केट में बदलता माहौल पिछले कुछ समय में क्रिप्टोकरेंसी बाजार…